सुविचार 3584 | Oct 11, 2022 | सुविचार | 0 comments सुख अकेले आ जाए तो वह सुख नहीं होता, सुख की पूर्णता ही दुख से है, _ दोनों का सामान रूप से रसास्वादन लेने के उपरांत ही अनुभव को पूर्ण कहा जा सकता है. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ