सुविचार 3992

कर्म का उद्देश्य जीवन को अभिव्यक्त करना है. यदि जीवन प्राकृतिक रूप से और बिना किसी को हानि पहुँचाए अभिव्यक्त होता है तो इसमें न तो कोई पाप है और न ही कोई पुण्य.

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected