उदार बनो, किन्तु स्वयं को प्रयोग न होने दो…..*
*प्रेम करो, किन्तु स्वयं को आघात न लगने दो…..*
*विश्वास करो, किन्तु मुर्ख मत बनो…..*
*दूसरों की सुनो, किन्तु अपनी वाणी लुप्त न होने दो…..*
*प्रेम करो, किन्तु स्वयं को आघात न लगने दो…..*
*विश्वास करो, किन्तु मुर्ख मत बनो…..*
*दूसरों की सुनो, किन्तु अपनी वाणी लुप्त न होने दो…..*