हमें यह समझ होनी चाहिए कि हमने जीवन के अन्धकार को मिटाया है कि नहीं, अपने आपको समझने के लिए कुछ यत्न किया है कि नहीं. क्या हमने शारीरिक व मानसिक पूर्ण रूपेण स्वस्थ हो कर कैसे जीओ — अगर इसके बारे में ज्ञान नहीं है, तो हमारे जीवन में दुःख आने से कोई रोक नहीं सकता.
व्यक्ति के जीवन में जब अज्ञान बढ़ता है, उसे समझ नहीं आता कि मैं क्या करूँ, क्या न करूँ, कहाँ जाऊँ, कहाँ न जाऊँ, मुझे क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, किस चीज की लालसा रखनी चाहिए और किस चीज से दूर रहना चाहिए — अज्ञान में आदमी को कोई समझ नहीं रहती.
जब भी आपके जीवन में अँधेरा हो और आप रास्ता भूल रहे हो, तब आपका ज्ञान ही आपको दिशा निर्देश देगा.