सुविचार 1039 | Jan 24, 2016 | सुविचार | 0 comments ज़िन्दगी तो सबकी है, सब सांस ले रहे हैं. मनुष्य का चोला भी मिला है लेकिन जिसमे कोई उत्साह नहीं है, कर्मठता और स्फूर्ति नहीं है – वह ज़िन्दगी , ज़िन्दगी नहीं है. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ