सुविचार – खुश रहकर गुजारो, तो मस्त है जिदंगी – 1069

खुश रहकर गुजारो, तो मस्त है जिदंगी,

दुखी रहकर गुजारो, तो त्रस्त है जिंदगी !
तुलना में गुजारो, तो पस्त है जिंदगी !
इतंजार में गुजारो, तो सुस्त है जिंदगी !
सीखने में गुजारो, तो किताब है जिंदगी !
दिखावे में गुजारो, तो बर्बाद है जिदंगी !
मिलती है एक बार, प्यार से बिताओ जिदंगी !
जन्म तो रोज होते हैं, यादगार बनाओ जिंदगी !
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि.. ‘आपको हमेशा खुश रहने का रहस्य पता लगाना होगा.’

_ ख़ुश रहने के लिए आपके पास बड़ी मात्रा में मूल्यवान सामग्री होना ज़रूरी नहीं है.
_ जो सामग्री और वस्तुएँ हम एकत्रित करते हैं, वे आनंद नहीं लातीं.
_ हमारे मन की किसी गलत धारणा के कारण संसार की वस्तुएँ आनन्द लाने वाली प्रतीत होती हैं.
_ दुनिया में ये वस्तुएँ मन को इस तरह उत्तेजित करती हैं कि.. कुछ समय के लिए यह महसूस होता है कि.. उसे वह मिल गया है.. जो वह चाहता है.
_ संसार की वस्तुएँ मन को भीतर से तृप्त करती हुई प्रतीत होती हैं.
_ यह वैसा ही है, ..जैसे चोर-डकैत आपके साथ सहयोग कर रहे हों और बार-बार आपसे कह रहे हों कि वे आपके साथ हैं,
_ कि वे आपकी सेवा में हैं, लेकिन उनके पीछे की मंशा अलग है.
_ यह प्रत्येक व्यक्ति पर छोड़ दिया गया है कि.. वह कैसे खुश रह सकता है.
_ यदि आप दुखी हैं तो.. आपको उस कारण का पता लगाना चाहिए.. कि आप दुखी क्यों हैं.
_ हम हमेशा यही शिकायत करते रहते हैं कि दुनिया खराब है, लोग अच्छे नहीं हैं, सब कुछ अस्त-व्यस्त है और इस संसार में कुछ भी मूल्यवान नहीं है.
_ लेकिन आप भी उसी दुनिया का एक हिस्सा हैं,
_ इसलिए जब आप दुनिया के लोगों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करते हैं,
_ तो आप स्वचालित रूप से इस निर्णय में खुद को शामिल कर रहे हैं,
_ क्योंकि आप भी लोगों में से एक हैं.

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