सुविचार – धोखा – 055 | Mar 14, 2014 | सुविचार | 0 comments कुदरत जब किसी के साथ किये गए धोखे की सजा देती है तो, _ _ याद रखना, बोलने लायक तो दूर, इंसान को रोने के काबिल भी नहीं छोड़ती. जो इंसान खुद बोलकर अपने ही कहे हुए शब्दों से मुकरता है, _ उस इंसान पर कभी विश्वास ना करना ; _ वो इंसान वक्त पर आपको धोखा देगा.. अगर आप किसी को धोखा देने में कामयाब हो जाओ तो वो व्यक्ति को मूर्ख मत समझो… … महसूस करो कि उस व्यक्ति ने आप पर आपकी योग्यता से कहीं अधिक भरोसा किया. धोखा कोई कितना भी दे दे अपनो को _ एक दिन दुख ही पायेगा, _ _ चैन किसी का छीन कर _ कोई कितना जश्न मनाएगा. धोखा खाने वाला उतना नहीं खोता,_जितना धोखा देने वाला खोता है.!! धोखा देने से धोखा खाना बेहतर होता है. _ धोखा खाने में कुछ आर्थिक नुकसान ही होता है, धोखा देने से आत्मा का पतन होता है. जो धोखा दे गया उसकी यादों में मरने से हज़ार गुना अच्छा है, _ _ जो साथ है उसके साथ सुकून से जी लिया जाये. धोखा उन्हीं को मिलता है, जो अपनी कमजोरियों को _ _ हर किसी के सामने तुरन्त उजागर कर देते हैं !!! धोखा देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है… और ऐसे ही चलती रहेगी, _बस तरीके और नजरिए बदलते रहते हैं. जिसने ये पाठ पढ़ लिया हो कि धोखा खा लूंगा, _धोखा दूंगा नहीं उसे किसी परिस्थिति से घबराने की ज़रूरत नहीं. कुछ लोग इतने गरीब होते हैं की…_ देने के लिए कुछ नहीं होता तो धोखा दे देते हैं… धोखे से और धोखे में जीने से अच्छा है, अकेले जिओ ; सकून से जिओ. धोखा कभी मरता नहीं _ आज आप दोगे _ कल आपको भी मिलेगा…!! अच्छे लोगों को धोखा देने वाले, _अपने साथ बहुत बुरा करते हैं..!! धोखे का दाग नहीं मिटता, भूल का दाग मिट जाता है..!! धोखा देना वाला हमेशा खुद को ही छलता है. धोखा बहुत भारी होता है, ये भरोसे को उठा देता है !! Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ