_ मूर्ख वह है जो मानता है कि दुनिया को उसकी ज़रूरत है… कि उसके बिना, सब कुछ बिखर जाएगा.
_ सच तो यह है कि दुनिया को कोई परवाह नहीं है.
_ कल सूरज उगेगा, नदियाँ बहती रहेंगी, सूरज और प्रकृति की तो बात ही छोड़िए,
_ जिस ऑफिस में आप काम करते हैं, उसे भी आपकी परवाह नहीं है.
_ आज आप महीने के सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी हैं और अगले महीने आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा, इसलिए नहीं कि कंपनी घाटे में जा रही है, बल्कि इसलिए कि उनका मुनाफा 20% से घटकर 19.99% हो गया है.
_ और लोग: वे हँसेंगे और रोएँगे, आपके साथ या आपके बिना..
_ आज आप मरेंगे, कल वे कोई और रास्ता खोज लेंगे..
_ यह उनकी गलती नहीं है, समस्या यह है कि आपने खुद को बहुत ज़्यादा महत्व दे दिया है.
_ आप उनके जीवन में वह नायक नहीं हैं.. जो आप सोचते हैं.
_ यह सोचना कि दुनिया आपका सम्मान करती है, अहंकार का सबसे गहरा भ्रम है.
_ “दुनिया पूरी है”.. यह आपसे पहले भी थी, आपके बाद भी रहेगी.
_ बुद्धिमान व्यक्ति अस्तित्व या किसी भी चीज़ से महत्व की माँग नहीं करता.
_ वह बस उसका हिस्सा बन जाता है..
_ बहते रहो – जैसे एक बूँद सागर में पिघल रही हो,
_ न ज़रूरी, न अनावश्यक – बस अभी में मौजूद रहो.
_ अपने बीते हुए कल से सीखो और आज जियो.!!