चिंता सबसे भयानक अनुभव है, वो आपको तब घेरती है जब आप अकेले बैठे हों, और किसी ऐसी बजह से परेशान हों, जिसको बया नही कर सकते ;
_क्योकि या तो वो घटना घटी ही नही है या फिर घट चुकी है जिसे आप बदल नही सकते और जब आप चाहकर भी इन विचारों को रोक नहीं सकते, _ तो ये बहोत दर्दनाक होता है…!