जिसने तुम्हारा अपमान किया है, वह उसकी मौज है.
उसे जो ठीक लगा, उसने किया.
जिसने तुम्हारा सम्मान किया है, उसकी मौज.
उसे जो ठीक लगा उसने किया.
जो उसके पास था, उसने दिया.
तुम अपमान और सम्मान दोनों को एक ही
धन्यवाद के भाव से स्वीकार कर लेना,
दोनों का आभार प्रगट कर देना.