सुविचार – कमियां निकालने के लिए लोग हैं – 2204

एक कविता कि पंक्तीयां मुझे बहुत ही बढिया लगी.…

 

तू अपनी खूबियां ढूंढ …. कमियां निकालने के लिए लोग हैं |

अगर रखना ही है कदम…. तो आगे रख ,

पीछे खींचने के लिए लोग हैं |

सपने देखने ही है …..तो ऊंचे देख,

निचा दिखाने के लिए लोग हैं |

अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का ,

जलने के लिए लोग हैं |

अगर बनानी है…..तो यादें बना ,

बातें बनाने के लिए लोग हैं |

प्यार करना है…. तो खुद से कर ,

दुश्मनी करने के लिए लोग है |

रहना है…. तो बच्चा बनकर रह ,

समझदार बनाने के लिए लोग है |

भरोसा रखना है….तो खुद पर रख ,

शक करने के लिए लोग हैं |

तू बस सवार ले खुद को…

आईना दिखाने के लिए लोग हैं |

खुद की अलग पहचान बना….

भीड़ में चलने के लिए लोग है |

तू कुछ करके दिखा दुनिया को…… बस कुछ करके दिखा ,

तालियां बजाने के लिए लोग हैं…..

 

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