एक कविता कि पंक्तीयां मुझे बहुत ही बढिया लगी.…
तू अपनी खूबियां ढूंढ …. कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
अगर रखना ही है कदम…. तो आगे रख ,
पीछे खींचने के लिए लोग हैं |
सपने देखने ही है …..तो ऊंचे देख,
निचा दिखाने के लिए लोग हैं |
अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का ,
जलने के लिए लोग हैं |
अगर बनानी है…..तो यादें बना ,
बातें बनाने के लिए लोग हैं |
प्यार करना है…. तो खुद से कर ,
दुश्मनी करने के लिए लोग है |
रहना है…. तो बच्चा बनकर रह ,
समझदार बनाने के लिए लोग है |
भरोसा रखना है….तो खुद पर रख ,
शक करने के लिए लोग हैं |
तू बस सवार ले खुद को…
आईना दिखाने के लिए लोग हैं |
खुद की अलग पहचान बना….
भीड़ में चलने के लिए लोग है |
तू कुछ करके दिखा दुनिया को…… बस कुछ करके दिखा ,
तालियां बजाने के लिए लोग हैं…..