जब हम किसी दुर्गंधित स्थान से गुजरते हैं तो उस समय हम अपनी सॉसें रोक लेते है और
जब हम किसी बाग या सुगंघित स्थान से गुजरते हैं तो उस सुगंध का आनंद उठाते है.
ठीक वैसे जब बुरे विचार हमारे सामने आये तो उन्हें भी अपने अंदर न आने दो जबकि अच्छे विचारों को हमेशा लेते रहो. क्योकि विचार कोई भी हो वो हमारे मन में बीज का कार्य करता है जो धीरे धीरे एक पेड़ बन जाता है.
बुरे विचार ही बुराई करने के लिये प्रेरित करते हैं.