सुविचार 2247

जब हम किसी दुर्गंधित स्थान से गुजरते हैं तो उस समय हम अपनी सॉसें रोक लेते है और जब हम किसी बाग या सुगंघित स्थान से गुजरते हैं तो उस सुगंध का आनंद उठाते है.

ठीक वैसे जब बुरे विचार हमारे सामने आये तो उन्हें भी अपने अंदर न आने दो जबकि अच्छे विचारों को हमेशा लेते रहो. क्योकि विचार कोई भी हो वो हमारे मन में बीज का कार्य करता है जो धीरे धीरे एक पेड़ बन जाता है.

बुरे विचार ही बुराई करने के लिये प्रेरित करते हैं.

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