जो जैसा करेगा वो वैसा ही भेरेगा, छल कपट से कोई सुखी नही रह सकता,
_ वह सुख क्षणभंगुर होता है जो छल से कमाया हुआ हो..
अपनों के साथ किया गया छल, अपने ही अंत का आरंभ है..!!
पाप आप करो और धोये गंगा, किसे बेवकूफ बना रहे हो ?
खुद को ? गंगा को ? दुनिया को ?
कर्मों का फल सीधा-सा है, छल का फल छल, आज नहीं तो कल..!!