क्या खूब कहा है…
“आसमां में मत दूंढ अपने सपनो को…
सपनो के लिए तो ज़मी जरूरी है,…
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,…
जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है”..
“आसमां में मत दूंढ अपने सपनो को…
सपनो के लिए तो ज़मी जरूरी है,…
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,…
जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है”..