सुविचार – विवाह – शादी – 019

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शादी हमारे दुखों को आधा कर देती है, खुशियों को दोगुना कर देती है और हमारे खर्चों को चौगुना कर देती है.

Marriage halves our griefs, doubles our joys, and quadruples our expenses. – Gilbert K. Chesterton

लोगों का मानना ​​है कि शादी हमें बेहतर बनाएगी.

People believe marriage will make us better. – Oprah Winfrey

विवाह का पूरा आनंद यह है कि यह एक सतत संकट है.

The whole pleasure of marriage is that it is a perpetual crisis.

– Gilbert K. Chesterton

विवाह के बाहर कुछ भी स्वतंत्रता और उत्साह जैसा लगता है, -Jeanette Winterson

Anything outside marriage seems like freedom and excitement. – Jeanette Winterson

विवाह दो खंभों पर टिके हुए मंदिर की तरह है ; _यदि वे एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए तो मंदिर ढह जाएगा.!!

Marriage is like a temple resting on two pillars. If they come too close to each other the temple will collapse. – Khalil Gibran

विवाह में एक ही घर में दिन-रात एक साथ रहने वाले लोगों के बीच थोड़ी सी छूट, थोड़ी स्वतंत्रता अवश्य होनी चाहिए. – VirginiaWoolf

In marriage a little licence, a little independence there must be between people living together day in and day out in the same house. – VirginiaWoolf

विवाहित जीवन में अनेक दुःख हैं, किन्तु अविवाहित जीवन में कोई भी सुख नहीं.
विवाह सरकस के समान है, क्योंकि उस में जितना विज्ञापन दिखाया जाता है, उतना वास्तव में होता नहीं है.
विवाहित जीवन फूलों की सेज नहीं, कांटों का ताज है,

_ सामान्य ताज में हीरे-जवाहरात बाहर जड़े हुए होते हैं _जबकि इसमें काटें अन्दर गुथे रहते हैं.

विवाह संस्था इतनी भी बुरी नहीं कि उसे सिरे से नकार दिया जाए.

_ विवाह ज़रूर करो.
_ क्या पता, कोई सच में मन का मिल जाए.
_ यह रिस्क तो लेना ही पड़ेगा.
_ हाँ, न जमे तो उसे दुनियादारी के डर से खींचे मत जाओ.
_ तोड़ो और आगे बढ़ो.
_ यह जीवन, यह दुनिया विवाह के बगैर भी बहुत खूबसूरत है.
विवाह वह खुबसूरत संयोग है जिसमे व्यक्ति को अपना सबसे बेहतरीन दोस्त मिलता है.
ज़िंदगी भर समझौते का नाम है ‘शादी’..

_पहले बीवी के साथ, बाद में बच्चों के साथ..!!

शादी का अर्थ है अपनी आज़ादी को आधा और जिम्मेदारियों को दुगुनी करना..!!
शादी करके हम संभवतः जीवन की असुविधाओं के साथ_थोड़ी सी खुशियाँ खरीद रहे हैं..!!
शादी एक रिश्ता है, गुनाह नहीं, कि एक बार कर लिया तो ..उम्र भर इसकी सज़ा भुगतनी पड़ेगी..!!
‘सुना है, शादी के बाद ज़िंदगी तो होती है लेकिन ज़िंदादिली नहीं होती’
शादी एक शब्द पहेली है, जिसका परिणाम घोषित हो जाने के बाद पहेली भरने वाले को यही लगता है कि काश,

इस शब्द के बदले अमुक शब्द भरा होता.

विवाह खूबसूरत व छोटी- सी एक नाव है, जिस पर चढ़ने के लिए हर व्यक्ति उत्सुक रहता है,

फिर उतरने के लिए बैचेन हो जाता है.

विवाह मित्रता का सबसे दृढ बन्धन है, विश्वास मित्रता की नीवं है, आपसी मेल से ही विश्वास पैदा होता है.

विवाह में जो खूबसूरती, धन और दिखावे को महत्व देता है, उसे सच्चा सुख नहीं मिल पाता.

विवाह की सफलता या असफलता पतिपत्नी की आपसी समझ और सामंजस्य पर निर्भर करती है.
शादी _ “दो लोगों के एक साथ आने का उद्देश्य एक-दूसरे को उनके व्यक्तिगत विकास में मदद करना है न कि इसमें बाधा बनना.

_अगर दो बहुत जागरूक लोग एक साथ आते हैं, तो यह एक खूबसूरत चीज़ हो सकती है.”

शादी के सातों वचन अनमोल होते हैं ; _इन वचनों में वो जादू है,

_जो इनका पालन करे तो _कभी इस रिश्ते में चूक हो ही नहीं सकती है.!

विवाह जीवन को एक लय देता है. जैसे बिना साज के आवाज अधूरी है वैसे ही बिन विवाह के जीवन अधूरा.

जीवनसाथी का साथ अकेलेपन को दूर करता है.

शादी एक जीवनभर की यात्रा है, जो आप केवल एक अच्छे साथी के साथ ही निभा सकते हैं.
विवाह क्या है ?

“विवाह” एक ऐसा गठबंधन है – जिसमें दो व्यक्ति मिलकर उन समस्याओं को सुलझाने का जीवन भर प्रयास करते हैं, जो पहले कभी थी ही नही.!!

“सर्वोत्तम विवाह वह नहीं है, जब एक सर्वगुण संपन्न जोड़ा एक साथ जुड़ता है.

_ यह वह है, जब एक जोड़ा सर्वगुण संपन्न न होते हुए भी _ अपने मतभेदों का आनंद लेना सीख लेता है”

शादी की सफलता का श्रेय दोस्ताना व्यवहार को भी जाता है. आप को अपने साथी के साथ दोस्ताना व्यवहार करना चाहिए,

तभी आप का साथी अपने मन की बात बेझिझक आप से कर पाएगा.

कोई भी व्यक्ति परफैक्ट नहीं होता, पर अपनी मैरिड लाइफ को खूबसूरत बनाने के लिए

अपने लाइफपार्टनर को अपने लिए हमेशा परफैक्ट मानें.

विवाह हमारे लिए विकास करने, स्वयं को परिष्कृत करने

और प्रेम करना सीखने की सम्भावना लेकर आता है.

खुद की जीने की वजह जिनके पास होती है, _

_ उन्हें शादी के झमेले की जरूरत क्या है..!!

विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन है, जिसमें बढ़ी हुई जिम्मेदारियां भी अच्छी लगती हैं.
शादी से पहले जिन्दगी एक मेला हैं _ शादी के बाद जिन्दगी एक झमेला है !!
जीविका का प्रश्न हल होने के बाद ही विवाह शोभा देता है..!!

मैं जब अपने संघर्ष से जीत जाऊंगा, तो निश्चित हीं विवाह कर लूंगा…
_ क्योंकि मैं नहीं चाहता की मेरे संघर्षों के बोझ तले कोई स्त्री दब कर,
_ अपने ख्वाबों की बलि चढ़ा दे..!!
“विवाह एक भरोसा है, समर्पण है “

तारीफ उस स्त्री की जिसने खुद का घर छोड़ दिया..

_ धन्य है वो पुरुष जिसने अनजाने स्त्री को अपना घर सौंप दिया.

हर व्यक्ति शादी के लिए नहीं बना होता.

_ हर कपल माँ/बाप बनने के लिए नहीं बना होता.
_ कई व्यक्ति बिना शादी के, सिंगल रहकर, ज्यादा अच्छी ज़िन्दगी बिता सकते हैं/थे.
_ कई कपल बिना बच्चे के ज्यादा अच्छी ज़िन्दगी बिता सकते हैं/थे.
_ सबको एक ढाँचे में फिट करने का फितूर छोड़ दीजिये..
_ शादी, बच्चे, घर-जायदाद, बेटा-वारिस इन सबने कई युवाओं की ज़िन्दगी बर्बाद की है.!!
जब मेरी शादी हुई, तो मुझे यह ठीक से नहीं पता था और न ही जानता था कि शादी के बाद जीवन कितना बदल जाएगा..

_ बस इतना समझता था कि शादी का अर्थ है, सुख-दुख में साथ निभाने का वादा, हर परिस्थिति में साथी बने रहने का भरोसा..
_ लेकिन सच कहूँ, उस समय मैंने इस रिश्ते की गहराई को पूरी तरह से समझा नहीं था..
_ लेकिन खुद उस सफर पर निकलने के बाद, शादी का असली अर्थ समझा..
_ लेकिन असल में इन दिनों सबसे बड़ी समस्या जो समाज के सामने आ रही है,
_ वो है पति-पत्नी के रिश्तों में नासमझी की,,
_ पति-पत्नी का रिश्ता खून का रिश्ता नहीं है, भावनाओं, समझ और वादों का है.
_ माता-पिता योग्य साथी चुन सकते हैं, या व्यक्ति खुद अपने लिए साथी ढूंढ सकता है,
_ लेकिन इस रिश्ते को निभाने की कसौटी इस बात पर निर्भर करती है कि दोनों साथी मिलकर कैसे एक-दूसरे के जीवन का हिस्सा बनते हैं.
_ बहुत से लोग शादी सिर्फ इसलिए करते हैं.. क्योंकि उम्र हो गई है या समाज का दबाव है.
_ लेकिन शादी का असली अर्थ समझे बिना किया गया यह फैसला अक्सर दुखदायी बन जाता है.
_ शादी तब ही सफल होती है, जब दोनों साथी एक-दूसरे के लिए सेवा और समर्पण के भाव से साथ चलते हैं.
_ जब एक और एक मिल कर दो नहीं, बल्कि एक हो जाने के अहसास को जीने लगते हैं.
_ शादी का असली अर्थ त्याग, समर्पण और समझदारी है.
_ यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें दो लोग ‘मैं’ और ‘तुम’ से ऊपर उठकर ‘हम’ बनते हैं.
_ यह रिश्ता तभी फलता-फूलता है, जब दोनों साथी एक-दूसरे के सुख-दुख को साझा करें और हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ दें.
_ शादी को निभाना आसान नहीं है..
_ यह रिश्ता त्याग और समझौते की मांग करता है.
_ दोनों साथी इस रिश्ते को पूरी निष्ठा से निभाएं, तो यह जीवन को सबसे सुंदर अनुभव बना देता है.
_ शादी सिर्फ दो लोगों का जुड़ना नहीं है, बल्कि यह वादा है जिसे हर परिस्थिति में निभाना होता है.
_ शादी का अर्थ केवल प्रेम या संग-साथ तक सीमित नहीं है.
_ इसका असली अर्थ है अपने साथी के साथ हर मुश्किल में खड़ा रहना..
_ यही सच्चा वादा है, यही सच्चा रिश्ता है..!!

– संजय सिन्हा

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