लोग पहले आपको इग्नोर करते है, आप पर हँसते हैं, आपसे लड़ाई करते हैं और तब कहीं जाकर आपको जीतने देते हैं.
अकेलापन कई बार अपने आप से सार्थक बातें करता है, वैसी सार्थकता भीड़ में या भीड़ के चिंतन में नहीं मिलती.
सेवा उस की करो, जिसे सेवा की जरुरत है. जिसे सेवा की जरुरत नहीं, उस की सेवा करना ढोंग है, हेय है.
साहस और धैर्य ऐसे गुण हैं, जिन की कठिन परिस्थितियां आने पर ही बड़ी आवश्यकता होती है.
शौर्य किसी में बाहर से पैदा नहीं किया जा सकता, वह तो मनुष्य के स्वभाव में होना चाहिए.
जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैं, वे साबित करते हैं कि उनमे योग्यता नहीं है.
मौन में जिस का ध्यान लग जाता है, उसे आसपास की गपशप सुनाई नहीं देती.
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है.
कामना वाले के लिए क्रोध अनिवार्य है, क्योंकि कामना कभी तृप्त नहीं होती.
भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छिपाने में उससे भी बड़ा पाप है.
मनुष्य मारना सीखे, उस से पहले उस में मरने की शक्ति होनी चाहिए.
ह्रदय की कोई भाषा नहीं है, ह्रदय ह्रदय से बात चीत करता है.
खुद वो बदलाव बनिए, जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं.
गुस्सा एक प्रकार का छणिक पागलपन है.
पुस्तकें मन के लिए साबुन का कार्य करती हैं.