सुविचार 4593
अपने भीतर और अपने काम, दोनों में पूर्णता हासिल करने के लिए हमें खुद से लगातार पूछते रहना चाहिए,
” मैं खुद को और कितना बदल सकता हूँ ताकि मेरा काम अधिक प्रभावी हो जाए ? “
” मैं खुद को और कितना बदल सकता हूँ ताकि मेरा काम अधिक प्रभावी हो जाए ? “
बेहतर की तलाश में बेहतरीन को खो देता है.
क्योंकि तकलीफ़ खत्म हो जाएगी, मगर नेकी कभी खत्म नहीं होगी.
आज वक़्त ख़राब है तो क्या हुआ, एक दिन इसे बदल कर दिखाओ.