सुविचार 3816

जब किसी और की बर्बादी हमें जीत लगने लगे,

_ तो हमसे ज्यादा बर्बाद इस दुनिया में कोई नहीं !!

सुविचार 3815

अर्थ शब्दों में नहीं होते, _ अर्थ तो सुनने वाले शब्दों में डालते हैं.

सुविचार 3813

“परिपक्वता”, दिखावटी गम्भीरता की मोहताज़ नहीं होती, _ सदैव हँसते हुये चेहरे भी दूसरों की आँखों के आंसुओं को समझने व उन्हें पोंछने की क्षमता रखते है “

सुविचार 3812

” कभी हार मत मानो ” क्या पता कामयाबी आपकी एक और कोशिश का इंतजार कर रही हो..!!

सुविचार 3811

अगर किसी का ज्ञान और अनुभव हमसे कम है, तो वह ज्ञान और अनुभव अर्जित किया जा सकता है. लेकिन अगर हम अपने असभ्य और रूखे व्यवहार से स्वयं को इंसान से बदतर बना ले, तो क्या वह “इंसानियत” भी अर्जित की जा सकती है?
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