सुविचार 4596
अपने मन की किताब ऐसे व्यक्ति के पास ही खोलना,
जो पढ़ने के बाद आपको समझ सके.
जो पढ़ने के बाद आपको समझ सके.
उन्हें नहीं जो चेहरे पर शिकन पैदा करे.
” मैं खुद को और कितना बदल सकता हूँ ताकि मेरा काम अधिक प्रभावी हो जाए ? “
बेहतर की तलाश में बेहतरीन को खो देता है.