सुविचार 3882
राह बड़ी सीधी है…….
मोड़ तो सारे मन के है…..
मोड़ तो सारे मन के है…..
शुभ विचार रखिए, अपने लिये भी और दूसरों के लिये भी, लाभ ही लाभ होगा..
जो शिष्ट नहीं है, वह कभी विशिष्ट नहीं बन सकता.
अंततः दोनों ही पछतावे का कारण बनते हैं.
और उन निर्णयों के परिणाम के लिए किसी दूसरे को दोष नहीं देता..!
न हों तो करो माफ़…वाली policy चलती है.. __आपकी भावनाओं की कोई कद्र नहीं..