सुविचार 3575

धोखा खाने वाला उतना नहीं गंवाता, _ जितना धोखा देने वाला गंवाता है..

सुविचार 3574

आत्मसम्मान, आत्मज्ञान और आत्मसंयम ही व्यक्ति को शक्तिशाली बना सकते हैं.

लोग आपका सम्मान इस आधार पर करेंगे कि _ आप अपने आप का सम्मान कैसे करते हैं..!!
अपना काम करवाने के लिए किसी के आगे गिड़गिड़ करने से अधिक महत्वपूर्ण आत्मसम्मान है.

_ काम आज और अभी नहीं भी पूरा हुआ _उससे हम मर नहीं जाएंगे..
_ गिड़गिड़ा कर काम हो भी गया तो उससे क्या होगा..
_ पूरी जिंदगी उस के ताने सुनते रहना.
_ ये आत्म गौरव सम्मान की छति कभी पूरी नहीं हो सकेगी…
_ इसलिए… कुछ भी करो _ लेकिन खुद को बिकाऊ बनाकर नहीं..
आजकल हम आत्मसम्मान के नाम पर अहंकार बढ़ाते जा रहे हैं,
_ आसान से कठिन होते जा रहे हैं,
_भावनाओं को छुपाते हुए अपनों को खोते जा रहे हैं,
_ कष्ट उठाते जा रहे हैं पर रो नहीं सकते,
_ व्यक्तित्व दिखाते हुए घमंडी होते जा रहे हैं,
_स्मार्ट होते हुए अश्लील होते जा रहे हैं,
_धीरे-धीरे असली व्यक्ति होने से पीछे हट रहे हैं..!!

सुविचार 3573

दिल और दिमाग का एकीकरण हमारे अस्तित्व के भार को कम करता है, इनमे से किसी

को भी नज़रअंदाज करने से, हम जीवन में उद्देश्यपूर्ण रूप से आगे नहीं बढ़ सकते हैं.

सुविचार 3572

अपनी प्रचुरता को उनके साथ बाँटें जो असमर्थ हैं, _

_ उदारता हमारी स्वाभाविक दशा है.

सुविचार 3571

” सकारात्मकता का सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि,

_ समस्या तो होती है, लेकिन समाधान भी साथ होता है,”

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