सुविचार 4352

इंसान सब मार सह सकता है, लेकिन धोखे की मार सबसे ज्यादा दर्द देती है.

सुविचार 4351

गुस्सा बहुत ही चतुर होता है, अक्सर अपने से कमजोर व्यक्ति पर ही निकलता है.

सुविचार 4350

अगर आप आंनदित है तो सभी आंनदित है और अगर आप किसी पीड़ा से भरे हैं

तो कोई आंनद आपको सन्तुलित संतुष्टि नही दे सकता….

सुविचार 4349

किसी को ” चोट ” पहुँचाना एक ” कर्ज ” है,

ऐसा ” कर्ज ” जो आपको किसी और से अवश्य मिलेगा..

सुविचार 4348

ढूंढोगे अगर तो ही रास्ते मिलेंगे,,,

मंज़िलों की फितरत है खुद चलकर नहीं आतीं..

सुविचार 4347

उम्मीदें जब सीमा से अधिक बढ़ जाएंगी, तो वो कष्टों को आमंत्रित कर जाएंगी.
जान-बूझकर दूसरों को कष्ट पहुंचाकर व्यक्ति अपनी चालों से कुछ समय के लिए खुश हो सकता है, लेकिन वह खुशी स्थायी नहीं होती है.

_आज नहीं तो कल उसको दुगुना मिलता है, और इसका भुगतान व्यक्ति को आगे के समय में करना पड़ सकता है…!

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