सुविचार 4295

न जाने कौन से सुख के लिए, धन कमाया, पद कमाया, यश कमाया आदमी ने,

_ फिर भी बेचैनी रही, यह क्या गंवाया आदमी ने..

सुविचार 4294

बदलती हुई चीजें भले ही अच्छी लगती हो,

लेकिन बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते !!

सुविचार 4293

” आपका शरीर, आपका प्राण और आपका जीवन, आपकी ऊर्जा से ही गतिमान है,

सार्थक हो तो ही इसे खर्च करें, अन्यथा मौन रहें,”

सुविचार 4292

मुश्किल वक़्त में जब मन से धीरे से आवाज़ आती है,

_ ‘सब अच्छा होगा’ बस यही आवाज़ रब की होती है.

सुविचार 4290

जो लोग ईमानदार हैं, उनके साथ ईमानदार रहिये,

जो लोग ईमानदार नहीं हैं, उनके साथ भी ईमानदार रहिये,

इस तरह ही ईमानदारी सिद्ध होती है.

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