सुविचार 4696
भाषा शरीर का ऐसा अदृश्य अंग है, जिसमें इंसान का सब कुछ दिखाई देता है.
कोई आपको गुस्सा नहीं दिला सकता और कोई आपको खुश भी नहीं कर सकता.
उसकी सफलता दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती.
काम करने वालों, की तलाश, रहती है..,
अभी उम्र नहीं है और अब उम्र नहीं है..
लेकिन इनकी छाप…हमेशा दूसरों के हृदय में विराजमान रहती है..