सुविचार 4132
सत्य सरल है सब तरह, सरल सत्य की राह ;
_ हम नहिं हो पाते सरल, इसीलिए गुमराह..
परेशान है हर कोई यहां..
_ कुछ सच में परेशान हैं तो कुछ सच से परेशान हैं..!!
_ हम नहिं हो पाते सरल, इसीलिए गुमराह..
_ कुछ सच में परेशान हैं तो कुछ सच से परेशान हैं..!!
_ जब वो सकारात्मक बात पर नकारात्मक टिप्पणी कर देता है,”
_ क्योंकि हम अक्सर भावनाओं में बहकर ही अपने राज़ दूसरों को बता देते हैं !!
_ मेल न बैठे जिससे दिल का _ उससे वास्ता बेकार है..!!
_ जैसे जिस मिट्टी में फूल खिलते है, वो भी महकने लगती है.
सोचो लेकिन वो सोचो जो किया जाना चाहिए,
सोचो लेकिन वो सोचो जो सबके हित का हो,”