अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें,
_ क्योंकि हम अक्सर भावनाओं में बहकर ही अपने राज़ दूसरों को बता देते हैं !!
भावनाओं को दिल की जो समझे _ उसी से अब सरोकार है,,
_ मेल न बैठे जिससे दिल का _ उससे वास्ता बेकार है..!!
_ क्योंकि हम अक्सर भावनाओं में बहकर ही अपने राज़ दूसरों को बता देते हैं !!
_ मेल न बैठे जिससे दिल का _ उससे वास्ता बेकार है..!!