सुविचार 4184

जब हम यह मानते हैं कि हम अपनी नियति का निर्माण करते हैं,

तब हम अपने लछयों की प्राप्ति के लिए दिशा निर्धारित कर लेते हैं.

सुविचार 4183

अपनी विशेषताओं का प्रयोग करो,

_जीवन के हर कदम पर प्रगति का अहसास होगा.

कोशिश में दम रखो, बाकी देना तो उसके हाथ में है..!!

सुविचार 4182

हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है.

_ शब्द गौण हैं, विचार मुख्य हैं और उनका असर दूर तक होता है.

कहने के बाद सोचना और सोचने के बाद कहना,

_व्यक्ति के व्यक्तित्व को बदल देता है..!!

सुविचार 4181

दूसरों को देखकर उनके रास्ते पर मत चलो,

_ खुद ऐसे रास्ते चुनो कि लोग आपके पीछे चले.

सुविचार 4180

जो मिला है उसके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए..

_ तभी हम उसका आनन्द मना पायेंगे.

सुविचार 4179

ज़िंदगी से बडा़ कोई मज़हब नहीं होता,

_ और अपने जिस्म से सगा कोई दूजा नहीं होता,
_ तो सबसे पहले ज़िंदगी की परवाह होनी चाहिये,”
“ज़िंदगी” दौड़ रही है तेज़, जाने कब थम जाएगी,,

_ शेष है जितनी “जी लीजिए” ये वापिस फ़िर न आएगी !!

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