सुविचार 4366

जब घरेलू फैसला करने के लिए बाहर के बंदे की जरुरत पड़ जाये तो,

समझ लें हमारा खानदान बरबाद हो चुका है.

सुविचार 4365

” कुदरत किसी को भी किसी के जैसा पैदा नहीं करती,

यहाँ हर चीज़ सिर्फ और सिर्फ अपनी-जैसी पैदा होती है, “

सुविचार 4364

मन से जब-जब लड़ता रहा, ” हारता रहा “

फिर मन से दोस्ती की और जीत गया..

सुविचार 4363

जबान में मिठास भरने की कला, जिंदगी में मिठास भर देती है, जो बोलोगे वो ही सुनोगे.
किसी ने पूछा पुराने दौर का कुछ तो बताइए ;

_ उसने बोल : ऐसा सुना था होती थी कीमत ज़ुबान की.!!

सुविचार 4361

” मैं असंभव को भी संभव बना सकता हूं, और आप भी,

_ और उसका एक ही परम मंत्र है, प्रयास प्राप्ति तक, और विधि है, परिपूर्ण प्रकिया,”

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