सुविचार 4552
बिना आसक्ति के प्रेम करना सीखें, क्योंकि यही आसक्ति हमें तकलीफ़ देती है, न कि प्रेम
यही प्रकृति का नियम है.
जो बोया है वो निकलना तय है.
_ हमें एक “जीवन” दिया गया है, इसे “अच्छा” या “बुरा” बनाना हमारे ऊपर है.
पहाड़ से निकली नदी ने आज तक किसी से नहीं पूछा कि समंदर कितना दूर है.