सुविचार 4156

बुरे दिनों से आप जब तक लड़ेंगे नही तब तक अच्छे दिन आते ही नही,

_ यह भी एक तजुर्बा है..

जो होगा उस पर विश्वास रखो._यदि चीजें आपके इच्छित तरीके से काम नहीं करतीं.

_यह सब जीवन का हिस्सा है.

जो हो रहा है उसे स्वीकार करना ही पड़ता है.

_चाहे अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए..

हम अपना पूरा जीवन अच्छे दिनों की आशा में बिता देते हैं.

_ तब हमें एहसास होता है कि जो दिन बीत गए, वे ही अच्छे दिन थे.

ये दिन भी जाएंगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन..!!
क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा, कुछ नहीं होगा तो तजुर्बा होगा..!!
खो जाने के डर से, हद से ज्यादा संभालकर रखी गई चीजें अक्सर खो ही जाती हैं..!!
एक अच्छी ज़िन्दगी....बहुत बुरे वक़्त से गुज़र कर आती है..!!

सुविचार 4155

अगर दुखी हो, तो ध्यान रखना, जतन से नहीं जी रहे हो.

_ दुख बढ़ता जाता है, तो ध्यान रखना, गलत दिशा पकड़ ली है.

सुविचार 4153

परिवर्तन से डरोगे…….तो तरक्की कैसे करोगे.
परिवर्तन कठिन है, लेकिन आपको इसकी आवश्यकता है ताकि आप विकसित हो सकें.
“कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है”

_ किसी चीज की तरक्की किसी से विछोह भी करा देती है..
_ तरक्की, कई त्याग और sacrifice की कीमत पर मिलती है..!!!

सुविचार 4152

अकेलापन और उदासी एक सिक्के के दो पहलू है.

अगर कोई उदास हैं तो वह अकेला रहना चाहता है, और कोई अकेला हैं तो उसे उदासी घेरे रहती है.

सुविचार 4151

अहंकार एक ब्लैक होल की तरह होता है, जो हमारी चेतना पर अत्यधिक गुरुत्वीय खिंचाव डालता है, यह उसे विकसित नहीं होने देता.
“अपने अहंकार को मार डालो”

_ हर उस चीज़ को मार डालो जो आपकी असीमितता को साकार करने में बाधक है.

“Kill your ego”

Kill everything that is a hindrance in realising your unlimitedness.

error: Content is protected