सुविचार 4145

बहुत फ़र्क होता हैं जरुरी और जरुरत में,

_ कभी-कभी हम जरुरत होते हैं ज़रूरी नहीं.!!

सुविचार 4144

अधिकांश रचनाएं कहीं ना कहीं वास्तविकता से संबंधित होती हैं बस फर्क इतना है कि _ किसी के हालात उन्हें काल्पनिक बना देते हैं तो किसी के वास्तविक !!
कल्पनाओ में जीना अच्छा लगता है, ऐसा लगता है सब कुछ एक दिन ठीक हो जायेगा, अनायास ही विश्वास जग जाता है उस भावी के प्रति, किसी चमत्कार की आशा जागृत हो जाती है,

_ लगता है अभी समय है हमारे पास, कुछ न कुछ हो ही जाएगा, खैर !…

_ बहुत सुखद होती है ये काल्पनिकता पर वास्तविकता के सामने इसको घुटने टेकने ही पड़ेंगे…

सुविचार 4143

बुद्धिमान इंसान आपका दिमाग खोलता है, सुंदर इंसान आपकी आँखें खोलता है

_ और परवाह करने वाला इंसान आपका ह्रदय खोल देता है.

सुविचार 4142

भरोसे में इतने भी अंधे ना बनो कि पास वाले के असली रंग ही आपको ना दिखाई दे.
जो अपना काम होते ही रंग बदलता है.

_ऐसे लोगों से दिल का लगाना ठीक नहीं है.!

रंगों में वो रंग कहाँ, जो रंग लोग बदलते हैं..!!
आप को जो दिखना चाहिए, वो नहीं दिख रहा है ;

_ जो नहीं दिखना चाहिए, वो दिख रहा है..!!

सुविचार 4141

आपकी घड़ी को तो सुधारने वाले दुनिया में बहुत हैं,

_ लेकिन आपके समय को सुधारने वाले सिर्फ़ आप हैं.

सुविचार 4140

‘सत्य’ ज्यादा बहस नहीं करता, _ सत्य बहस वाली जगह में मौन हो जाता है.
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