सुविचार 4109

“जानकारी” किसी भी “उम्र” में आ सकती हैं ,

_मगर “अनुभव”…आज भी “उम्र” का “इंतज़ार” करता है..

सुविचार 4108

आज के जमाने में शुभचिंतक ऐसे होते हैं,

_जो आपका शुभ होता हुआ देख कर चिंतित हो जाते हैं.

सुविचार 4107

सिर्फ पुरानी तस्वीरों के ही नहीं बल्कि बीते “वक़्त” के साथ..

उस “तस्वीर” में शामिल रहे किरदारों के भी “रंग” फीके पड़ जाते हैं !

किरदार मत देखिए, ये जरूरतों का दौर है,

_आदमी होता कुछ और है दिखता कुछ और है..!!

सिर और किरदार हमेशा ऊँचा रखें, अच्छे और बुरे दिन आते जाते रहते हैं.
अपने किरदार पर भरोसा रखें, चीखने-चिल्लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

सुविचार 4106

लोगों को मूर्ख बनाना आसान है,

लेकिन उन्हें यह समझाना कठिन है कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है.

सुविचार 4105

समय आपका है, चाहें तो दूसरों की पंचायती में लगा लें

या ख़ुद के भविष्य बनाने में….मर्जी आपकी है..

सुविचार 4104

यदि आप अपने आस-पास की बदलती दुनिया को नहीं समझेंगे तो _आप पिछड़ते चले जायेंगे..!!
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