सुविचार 4630

जो कर्म को छोड़ कर भागेगा, उसकी कर्म की ऊर्जा व्यर्थ के कामों में सक्रिय हो जाती है.

सुविचार 4629

हम ही अपने रोज़मर्रा के विचारों से – अपनी इच्छाओं, अपने आकर्षण – विकर्षण और अपनी पसंद- नापसंदगी से अपनी नियति का निर्माण करते हैं.
दरअसल, हमारी पसंदीदा चीज़ें ही हमारी हद और सीमाओं को बयान करती हैं,

_ वे हमें बताती हैं कि हमने अब तक उससे बेहतर कुछ देखा ही नहीं, कभी जिया ही नहीं, और शायद महसूस भी नहीं किया…!

सुविचार 4628

बात उसी से करो जो आपसे बात करना चाहे,

यूं किसी के पीछे पड़ कर खुद को जलील करवाना अच्छी बात नहीं.

सुविचार 4626

जब इंसान का बुरा वक्त आता है, तो उसमें उसको अच्छे लोग याद आते हैं,

लेकिन उस वक्त उनको वो खो चुका होता है.

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