सुविचार 4534
झूठ की रफ्तार भले ही बहुत तेज होती है,
लेकिन मंजिल तक केवल सच ही पहुंचता है.
लेकिन मंजिल तक केवल सच ही पहुंचता है.
इस सीख को हमेशा याद रखना..
वर्तमान वह चित्र है, जिसे देखने के साथ- साथ,
आप भविष्य के चित्र को भी रेखांकित कर सकते हैं.
इस की कोई सीमा नहीं होती है.
पर उस रास्ते पर आपको कोई गिरा नहीं सकता.
बस उस हुनर को दुनिया के सामने लायें.