सुविचार 4368
जब कोई दूसरों से धोखा खाता है तो वो उनसे लड़ पड़ता है,
लेकिन जब कोई अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है..
लेकिन जब कोई अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है..
उसकी नजरों में आपका कोई महत्व ही नहीं है.
समझ लें हमारा खानदान बरबाद हो चुका है.
यहाँ हर चीज़ सिर्फ और सिर्फ अपनी-जैसी पैदा होती है, “
फिर मन से दोस्ती की और जीत गया..
जो बोलोगे वो ही सुनोगे.