सुविचार 4478
इस अफ़सोस के साथ मत जगो कि कल क्या नहीं कर पाये
बल्कि इस सोच के साथ जगो कि आज क्या कर सकते हो.
बल्कि इस सोच के साथ जगो कि आज क्या कर सकते हो.
_ किसी की भी उम्र इतनी लंबी नहीं होती कि वह हर गलती स्वयं करके स्वयं सीखे.
_ और एक समय जो निर्णय कड़ा लग रहा होता है.. वही सहज हो जाता है..!
_ तब हम अपने मन पर अनचाही छापें बना लेते हैं.
लेकिन फिर भी, सारे जगत का हिसाब है.
_ जिस समय हम गलतियों का स्वीकार कर लेते हैं, उस समय परिवर्तन प्रारम्भ हो जाता है.