सुविचार 4241
अक्सर हम उन्हीं लोगों के हाथों अपना मजाक बनवाते हैं…
जिन्हें हम कमजोर लम्हों में अपनी सारी सच्चाईयाँ सौंप देते हैं.
जिन्हें हम कमजोर लम्हों में अपनी सारी सच्चाईयाँ सौंप देते हैं.
_या तो मुझे कोई रास्ता मिल जायेगा या मैं बना लूँगा..
हमने उनसे आशाएं रखी,,,,जिनसे हमें नहीं रखनी चाहिए थी.
_ महज़ पचास साठ साल की जिंदगी में ही इतनी बेचारगी,
_ बेबसी और बोझ है की जिंदगी मजबूरी बन जाती है…!!!
” इसलिए समझदारी और ज्ञान के साथ जियें ”
_ दुनिया का हर चिराग हवा की नज़र में है..!!
जिसको ज्यादा खुराक दी जाए वही जीतता है..
इंसान गलत हो तो अमीरी भी बड़ी मुश्किल से कटती है…