सुविचार 4180
जो मिला है उसके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए..
_ तभी हम उसका आनन्द मना पायेंगे.
_ तभी हम उसका आनन्द मना पायेंगे.
_ शेष है जितनी “जी लीजिए” ये वापिस फ़िर न आएगी !!
_ ताकि आपके जीवन में उच्चतम चीज़ों का बहाव चलता रहे..
_ बनाना है तो खुद को शांत सरोवर की तरह बनाओ,
_ जिसमें अगर कोई अंगारा भी फेंके तो वो भी बुझ जाए.
_ क्योंकि किस्मत भी किस्मत वालों को ही आजमाती है.