सुविचार 4505
यह सोच सबमें विकसित हो कि जिनकी चेतना उच्च है,
वे निम्न चेतनावालों को प्रेम दें, उनकी मदद करें, उन्हें करुणा का पात्र समझें.
वे निम्न चेतनावालों को प्रेम दें, उनकी मदद करें, उन्हें करुणा का पात्र समझें.
चाहे कोई खुश रहे चाहे जाये रूठ..
इसे खुला छोड़ दो, यह अपना बचाव खुद कर लेगा !!