सुविचार 4369

नेत्र हमें केवल दृष्टि प्रदान करते हैं, परंतु हम कब- किसमें क्या देखते हैं,

ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है.

सुविचार 4368

जब कोई दूसरों से धोखा खाता है तो वो उनसे लड़ पड़ता है,

लेकिन जब कोई अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है..

सुविचार 4367

दुःख तब होता है जब आपको एहसास हो कि आप जिसे महत्व दे रहे हैं

उसकी नजरों में आपका कोई महत्व ही नहीं है.

सुविचार 4366

जब घरेलू फैसला करने के लिए बाहर के बंदे की जरुरत पड़ जाये तो,

समझ लें हमारा खानदान बरबाद हो चुका है.

सुविचार 4365

” कुदरत किसी को भी किसी के जैसा पैदा नहीं करती,

यहाँ हर चीज़ सिर्फ और सिर्फ अपनी-जैसी पैदा होती है, “

सुविचार 4364

मन से जब-जब लड़ता रहा, ” हारता रहा “

फिर मन से दोस्ती की और जीत गया..

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