मस्त विचार 4493
थोड़ा सब्र रखो_अभी इम्तेहान जारी है,
वक़्त खुद कहेगा_ चल अब तेरी बारी है..
वक़्त खुद कहेगा_ चल अब तेरी बारी है..
पर दोनों के दिलों में दोनों रहते हैं…
कर्म करोगे तो खामोशियां भी अखबारों में छपेंगी..
उठ बाँध कमर और लिख दे खुद तकदीर अपनी..
लम्हे थे____गुजर गए…
हम खुश हैं, अपनी तकलीफों के साथ..!!