मस्त विचार 3913

लंबा धागा और लंबी जुबान केवल समस्याएं ही पैदा करती है…..

….इसलिए धागे को लपेटकर और जुबान को समेटकर ही रखना चाहिए.

” जुबान ” सबकी होती है, कोई बात करता है कोई बकवास.

_ करने दो जो बकवास करते हैं, खाली बर्तन ही आवाज़ करते हैं.

जिसका दिमाग ज्यादा नहीं चलेगा, उसकी जुबान बहुत चलती मिलेगी ;

_ पढ़ा-लिखा इंसान ज्यादा तू-तू मैं-मैं नहीं करता.!!

जिनकी जुबान तीखी होती है, वे अपना गला खुद ही काट लेते हैं.!!

मस्त विचार 3912

ख्वाहिशें कम हों तो पत्थरों पर भी नींद आ जाती है,

_ वरना मख़मल के बिस्तर भी चुभने लगते हैं.

वो नींद ही अलग होती है, जो बुरी तरह रोने के बाद आती है…!
जब हम सुरक्षित महसूस करते हैं, तो हम आसानी से और गहरी नींद सो पाते हैं.!!
‘नींद भी क्या चीज है’

_ जब चाहिए हो तो आती नहीं, जब नहीं चाहिए तो जाती नहीं..!!

मस्त विचार – 3911

जो आप से जलते हैं, उनसे घृणा कभी न करें.

_ क्योंकि यही तो वे लोग हैं, जो यह समझतें हैं कि आप बेहतर हैं.!!

मस्त विचार 3908

अब तो खुशी भी मिलती है तो डर सा लगता है,

_ कि पता नहीं इस खुशी की कौन सी क़ीमत चुकानी पड़ेगी.

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