मस्त विचार 3878
सफर-ए-हयात में, थक चुके हैं पाँव, _ ढूंढते हैं अब दरख़्त की घनी छाँव..
छांव का महत्व वही जानता है.. जिसने धूप सही हो..
_ क्योंकि दुःख ही सुख की असली परिभाषा सिखाता है.!!
_ क्योंकि दुःख ही सुख की असली परिभाषा सिखाता है.!!
ज़िन्दगी के सफर में जो जहाँ छूट गए.. मतलब उनका साथ वहीं तक था.!!






