मस्त विचार 3801
मै लुट कर भी आबाद ही रहा, _ वो लूट कर भी बर्बाद हो गया..
छीले इतने गए कि खंज़र हो गए…!!
_ सब रोशन करने के लिए सूरज की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है.
_ जो सूर्य से प्रेम करता है वह दीपक से संतुष्ट नहीं होता.
बुरा बन गया हूं मै, मेरे अपनों की मेहरबानी है.