मस्त विचार 3576
सुख के लम्हें तक पहुँचते-पहुँचते हम उन सब लोगों से जुदा हो जाते हैं,
_ जिनके साथ हमने दुख झेल कर सुख का स्वप्न देखा था.
गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही…मुसाफिरों की तरह…
_यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं…रुके रास्तों की तरह..!!
_ जिनके साथ हमने दुख झेल कर सुख का स्वप्न देखा था.
_यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं…रुके रास्तों की तरह..!!
_ चुनौती तो ” मन ” को समझाने की होती है..!
_ कुछ लम्हें जीने का तजुर्बा भी सीखाते हैं..
_ ज़िन्दगी जैसे ज़िन्दगी न हो, एक तजुर्बा हो..!!
” कद्र खो देता है ” रोज – रोज का आना जाना..
You don’t fail when you get knocked down or when you lose, you only fail when you quit.