मस्त विचार 4329
ख्वाहिश यही है कि जब मैं तुझे याद करूँ, तू मुझे महसूस करे..
बना के रास्ता जो भीड़ से निकल गया.
हर किसी के नसीब में नहीं होती अगली मुलाकात !!
पावों को काट फेंके या चादर बड़ी करें.
उजालों में बड़े इत्मीनान से चलते हैं..
मैं सीधी राह पे आया,,,ग़लत तरीक़े से.!