मस्त विचार 4354
यूँ ज़मीं पर बैठकर क्यों आसमान देखता है…
पंखों को खोल क्योंकि …ज़माना सिर्फ़ उड़ान देखता है..
पंखों को खोल क्योंकि …ज़माना सिर्फ़ उड़ान देखता है..
ये ज़ख़्म देते भी हैं और उन्हें भर भी देते हैं.
यहाँ सब गैर हैं, तो हँस के गुजर जायेगी.
ग़म में जो मुस्कुरा दे उसका चेहरा पढ़ा करो !
_ ज़िन्दगी का मुझमें, दूर तक नामो-निशाँ नहीं.!!