मस्त विचार 4172
” इस पृथ्वी के हम वासी यह हैं हमारा गौरव,
रचना इसकी सुंदर अति सुंदर यह सौरव !”
रचना इसकी सुंदर अति सुंदर यह सौरव !”
खबर पक्की है दौलत साथ नहीं जायेगी.
_ लेकिन कोई यह नहीं सोचता की हम किसके हुए !!
_ क्या पता आपके लिए वो सबक ज़्यादा जरूरी था..!!
_ आपके द्वारा किया गया हर कर्म दोगुना चौगुना होकर आपके पास वापस ज़रूर लौटेगा.!!
हौसलों के पंख नसी़ब होते हैं “
और सुनाने से कई मसले उलझ जाते हैं !
ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमें…..!!