मस्त विचार 4397
चलो अब जाने भी दो, क्या करोगे दास्तां सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं, बयां हमसे होगा नहीं.
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं, बयां हमसे होगा नहीं.
जरा सा भी चूके तो मोहब्बत हो जायेगी..!!
” क्या होगा ” यह हमारे हाथ में नहीं है..
जो तलाशता है उसे खामी दिखेगी.
नज़रअंदाज़ करने वालों से नज़र हम भी नहीं मिलाते.
जो खुद भी अब पहले जैसे नहीं रहे…