मस्त विचार 4492
न वो हमसे कहते हैं.! न हम उनसे कहते हैं..!!
पर दोनों के दिलों में दोनों रहते हैं…
पर दोनों के दिलों में दोनों रहते हैं…
कर्म करोगे तो खामोशियां भी अखबारों में छपेंगी..
उठ बाँध कमर और लिख दे खुद तकदीर अपनी..
लम्हे थे____गुजर गए…
हम खुश हैं, अपनी तकलीफों के साथ..!!
क्योंकि फिक्र दिल में होती है शब्दों में नहीं और गुस्सा शब्दों में होता है दिल में नहीं..