मस्त विचार 3381
कभी टूटते हैं, तो कभी बिखरते हैं, _
_ विपत्तियों में इन्सान, ज्यादा निखरते हैं….!!
_ विपत्तियों में इन्सान, ज्यादा निखरते हैं….!!
_ मगर हमपे नज़र और हमारी हर खबर रखते हैं..
वह इन दिनों मेरी, कुछ यूं खबर भी रखता है..
और जो मेरा नहीं रहा…मैं मान लूँगा वो कभी मेरा था ही नहीं…!!!!
कहां हो, कैसे हो, बस इन्हीं दो लफ़्जों की परवाह चाहिए !
_ किसी ने बुरे वक़्त में आने का वादा किया है.
_लोग बस इतना पूछते हैं बता कितना कमाता है..
_ समय समय पर सबके भाव बढ़ जाते हैं ..!