मस्त विचार 4366
हमने देखा है तोड़ के ख़ुद को,
अपने अंदर भी हम नहीं रहते..
अपने अंदर भी हम नहीं रहते..
कुछ रौनकें, खुद से भी हुआ करती हैं.
ये दुनिया है साहब, यहाँ चाहिए हर किसी को मौका,,,
लेकिन निभाने वाला केवल खूबियां ___देखता है.
जो तुम्हारी हार का इंतजार कर रहे हैं !!
दूसरों में तो सिर्फ उलझनें मिलेंगीं..