मस्त विचार 4355

मौका है जीवन का अंतिम, फिर ये जीवन ना होगा,

अपने को ही, यूं अपने में, रोज़ निखारा करता हूं.

मस्त विचार 4354

यूँ ज़मीं पर बैठकर क्यों आसमान देखता है…

पंखों को खोल क्योंकि …ज़माना सिर्फ़ उड़ान देखता है..

मस्त विचार 4352

शब्द दुनिया के किसी भी जादू से कम नही होते,

ये ज़ख़्म देते भी हैं और उन्हें भर भी देते हैं.

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