मस्त विचार 3990
तेरे सिवा हम किसी और के कैसे हो सकते हैं..
_ तू खुद ही सोच के बता तेरे जैसा कोई और है क्या…
_ तू खुद ही सोच के बता तेरे जैसा कोई और है क्या…
_ “मगर खुशियाँ हर्गिज़ मँहगी नहीं होतीं”
_ मैंने जब भी पाया तुममे बस सुकून पाया है..
_ गम ये है जिसको वक़्त दिया उसने ही साथ न दिया..
_उसके पहले हमारी कोई औक़ात नहीं होती..!!