मस्त विचार 4288
बहाने नहीं बनाते मजबूरियों के कुछ लोग,
मंजिल वो अपनी खुद ब खुद बना लेते हैं..
मंजिल वो अपनी खुद ब खुद बना लेते हैं..
तू पहले इश्क़ कर, फिर चोट खा, फिर लिख दवा मेरे दर्द की..
वो मुझे ज़रा सा भी नहीं चाहिए।”
में ऐसा शख्स हूँ फिर भी हंस के मिलूंगा..
तुमको खुद से ज्यादा चाहा,…क्या इसलिए…??
जानता हूं कोशिश चाहे जितनी भी कर लूं, मगर गुनाह मुझसे होते ही रहेंगे..